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कुंड़ुख़ भाषा व तोलोंग लिपि के विकास हेतु राजी पडहा प्रार्थना सभा एवं अद्दी पड़हा अखड़ा‚ दो संगठन एकमत हुए

दिनांक 26.12.2021 दिन रविवार को राजी पडहा सरना प्रार्थना सभा, मुडमा, रांची की केन्द्रीय कमिटि की बैठक हुई। इस बैठक में झारखण्डा सहित प0 बंगाल ओडिसा‚ छत्ती सगढ़ आदि राज्योंब के प्र‍‍तिनिधि भी उपस्थित थे। बैठक की अध्याक्षता राजी पडहा सरना प्रार्थना सभा ट्रस्टक, मुड़मा के माननीय अध्याक्ष एवं धर्मगुरू श्री बन्ध न तिग्गा  जी के दवारा सम्प न्नट हुआ। अपने समाज में धार्मिक शिक्षा तथा आत्मन बोध की शिक्षा सभी व्येक्ति को आवश्य्क है जिसके लिए विभिन्नत क्षेत्रों से आये प्रतिनिधियों को राज्यि स्तपरीय तथा पड़हा स्तमरीय कार्यों की जिम्मेादारियां सौंपी गईं। बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि – संगठन को

कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि (लिपि) शिक्षण केन्द्र सीतारामडेरा‚ जमशेदपुर का निरीक्षण

दिनांक 18.12.2021 दिन शनिवार को दिन के 2.00 बजे आदिवासी उरांव समाज समिति‚ पुराना सीतारामडेरा जमशेदपुर में टाटा स्टील फाउन्डेशन जमशेदपुर की ओर से चलाये जा रहे कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि (लिपि) शिक्षण केन्द्र का निरिक्षण किया गया। निरिक्षण कार्य कुंड़ुख़ तोलोंग सिकि के संस्था2पक डॉ.

झारखंड के राज्‍यपाल ने जनजातीय भाषा विभाग के जीर्णोद्धारित भवन का उदघाटन किया, कहा: अब उपेक्षित नहीं रहेगा विभाग

रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के जीर्णोद्धारित भवन का उद्घाटन करते हुए शनिवार को राज्यपाल रमेश बैस ने आश्‍वासन दिया कि अब इस भाषा विभाग में पर्याप्‍त शिक्षकों की बहाली अतिशीघ्र होगी।  बतायें कि दो मंजिले भवन में ऑडिटोरियम के साथ-साथ तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। इसका जीर्णोद्धार लगभग तीन करोड़ के रूसा फंड से किया गया है। यहां सभी नौ जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के स्वतंत्र विभाग है। इसे सोहराई पेंटिंग से सजाया गया है। जल्द ही यहां म्यूरल आर्ट भी दिखेगा

हिंदू धर्म के 16 संस्‍कारों की परंपरा का पालन आदिवासी भी करते हैं फिर सरना धर्म कोड क्‍यों?

रांची: आदिवासी नेता डॉ करमा उरावं के बयान पर हमलावर विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) व सहयोगी संस्‍थाओं ने सरना धर्म कोड की मांग के खिलाफ मोर्चा खोला है। उनका कहना है कि आदिवासी या जनजातीय समाज को अलग धर्म कोड की कोई आवश्‍यक्‍ता ही नहीं। वे तो हिंदू हैं। 'सरना' केवल पूजा स्‍थल को कहा जाता है, धर्म कैसे हो सकता है?

झारखण्ड में नई शिक्षा नीति और कुंड़ुख़ भाषा-लिपि की सार्थकता विषयक गोष्ठी

दिनांक 21.11.2021 दिन रविवार को अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा (अद्दी अखड़ा), रांची (झारखण्ड) के अध्यक्ष जिता उरांव एवं सचिव  राजेन्द्र भगत की मुलाकात राजी पड़हा प्रार्थना सभा ट्रस्ट, मुड़मा, रांची के अध्यक्ष  बंधन तिग्गा से हुई। इस अवसर पर राउरकेला (ओड़िशा) से  मनीलाल केरकेट्टा एवं जामताड़ा (झारखण्ड) से  संजय पहान एवं उनके साथी भी उपस्थित थे।

कुँड़ुख़ तोलोंग सिकि (लिपि) पर उठते सवाल : एक परिचर्चा

जैसा कि हम सभी को जानते हैं कि – कुँड़ुख़ भाषा की लिपि, तोलोंग सिकि है। झारखण्ड सरकार द्वारा इस लिपि को वर्ष 2003 में कुंड़ुख़ भाषा की लिपि स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार को अनुसंशित किया गया है। साथ ही प.

संविधान प्रदत्‍त पारंपरिक स्‍वशासन व्‍यवस्‍था लागू करने के लिए संघर्ष करेंगे आदिवासी

दिनांक 07/11/2021 दिन रविवार को जिला रांची के बेड़ो प्रखण्ड क्षेत्र के ग्राम बारिडीह के  पड़हा भवन प्रांगण में 5वी अनुसूची के अंतर्गत परम्पारिक रुढ़ीप्रथा स्वशासन व्‍यवस्था' को चलाने संबंधी नियमों का प्रस्ताव पारित कर झारखंड के राज्यपाल को दी जाने वाले विषयों को लिखित रुप पर चर्चा किया गया। जिसमें राजी बेल श्रीमान बागी लकड़ा, राजी पड़हा, भारत अपने पड़हा की ओर से लिखित रुप में बैठक को प्रस्तावना दिया। 

‘उरांव लोक साहित्य’ और ‘पुरखर गही खीरी’ पुस्‍तकों का विमोचन संपन्‍न

दिनांक 7 नवंबर 2021 को कुरुख (उरांव) साहित्य अकादमी‚ रांची के तत्वाधान में आदिवासी कॉलेज छात्रावास करम टोली‚ रांची के पुस्तकालय भवन में डॉ. तेतरू उरांव द्वारा लिखित ‘उरांव लोक साहित्य’ तथा डॉ. मासातो कोबायशी (टोक्यो युनिवर्सिटी, जापान) एवं डॉ.

'वैश्विक औद्योगिकरण से आदिवासियों-मूलवासियों की भाषा-संस्कृति का क्षरण हुआ है'

दिनांक 26.10.2021 दिन मंगलवार को ग्रामगुरू रांची के सभागार डॉ. कामिल बुल्के पथ (पुरूलिया रोड रांची) में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत झारखण्ड की नई शिक्षा नीति के विषय पर एक विचार गोष्ठी सम्पन्न हुई। इस विचार गोष्ठी में झारखण्ड क्रिसचियन्स माइनोरिटी एजूकेशन एसोशिएशन के माननीय अध्यक्ष‚ बिशप भिन्सेन्ट बरवा (सिमडेगा धर्मप्रांत‚ झारखण्ड)‚ महासचिव फा. एरेनियुस मिंज‚ माननीय सदस्य श्री शाण्डिल जी‚ सिस्टर सेलिन बड़ा (प्रधानाध्यापिका संत अन्ना‚ रांची)‚ सी.बी.सी.आई नई दिल्ली के सदस्य फादर डा. निकोलस बरला एवं अखिल भारतीय कुंड़ुख़ कत्थ तोलोंग सिकि प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष फा.

डॉ रामदयाल मुण्डा की दसवीं पुण्यतिथि मनायी गई जनजातीय भाषा विभाग में

रांची : रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में आज पद्मश्री डॉ रामदयाल मुण्डा की दसवीं पुण्यतिथि मनायी गयी। विभाग के प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं एवं छात्रों ने डॉ मुण्डा के तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। संचालन प्राध्यापक किशोर सुरिन ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ सरस्वती गागराई ने किया।