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22 गांव सभा पड़हा बिसु सेन्दरा समन्वय सम्मेलन 17 एवं 18 अप्रैल 2021

यह विडियो 22 गांव सभा] पड़हा] बिसु सेन्दरा समन्वय सम्मेलन 17 एवं 18 अप्रील 2021 का है। यह आयोजन गांव करकरी थाना सिसई जिला गुमला में हुआ था। यह विडियो 22 गांव सभा पड़हा बिसु सेन्दसरा के सम्मालनित पंच्चोंि के स्वायगत में किया गया नृत्यन एवं गीत है –
            रिपोर्टर : गजेन्द्र  उरांव सैन्दा‍ सिसई गुमला।

सरहुल का संदेश.. आदिवासी छात्रावास रांची में मनाया गया सरहुल 2021

कोरोना लहर 2 से पूरा देश और सूबा परेशान है. कोरोना लहर 2 के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्‍कतें हो रही हैं. अस्‍पताल में जगह नहीं मिल रहा है. सरकारी अस्‍पतालों में जगह नहीं है. प्राईवेट अस्‍पताल में फीस भरने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में गरीब करे तो क्‍या करे। पर सरहूल के अवसर आदिवासी नौजवान, आपदा और महामारी में भी साथ मिलकर आगे बढ्ने का संदेश दे गया. चैत शुक्‍ल तृतिया (15 अप्रील 2021) को सरहूल परब था.

यहां गाकर सिखाते हैं कुड़ुख (आदिवासी भाषा) मातृभाषा!

यह विडियो, कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख् विद्यालय, मंगलो, सिसई, गुमला में चल रहे कुंड़ुख्‍ हिन्दीआ विद्यालय की कक्षा का है. इस कक्षा में कुंड़ुख्‍ गीत एवं कविताओं को मौसमी राग में गाकर पढ़ाया जाता है. पढ़ाई के इस तरीके से गांव स्तकर में गीत नृत्य़ को फिर से जागृत करने में मदद मिलेगी. साधारणतया ऐसा पाया गया है कि स्कूगल जाने वाले बच्चे  अपने मातृभाषा में रूचि नहीं ले रहे हैं. उपरोक्तन तरीके से स्कू्ल के बच्चेे अपनी पढ़ाई के साथ मौसमी गीत एवं राग भी सीख्‍ सकेंगे. यह आने वाले समय में भाषा संरक्षण का एक मार्गदर्शन का कार्य होगा.

स्‍कूली बच्‍चों ने मनाया तोलोंग सिकि कुंड़ुख़ भाषा सप्ताह दिवस

यह विडियो बीर बुधु भगत कुड़ुख़ स्कूल, छोटका सैन्दा, गुमला के बच्चों के कार्यक्रम का है। यह अवसर तोलोंग सिकि कुंड़ुख़ भाषा सप्ताह दिवस का पहला दिन १२-२-२०२१ है। यह आयोजन कार्तिक उरांव बाल विकास विद्यालय, सिसई, गुमला के प्रांगण में हुआ। इस स्कूल के बच्चे कुड़ुख़ भाषा की पढ़ाई, तोलोंग सिकि लिपि में करते हैं। झारखंड सरकार से तोलोंग सिकि में परीक्षा लिखने की अनुमति मिलने के बाद से ही यहां कुड़ुख़ की पढ़ाई तोलोंग सिकि में होने लगी है। रिपोर्टर - जुगेश्वर उरांव

कुँड़ुख़ (तोलोंग सिकी) का निरंतर प्रसार : एक शॉर्ट वीडियो

यह विडियो जतरा टाना भगत विद्या मंदिर, विशुनपुर, गुमला का है। यहां कुड़ुख़ भाषा की पढ़ाई तोलोंग सिकि लिपि में होती हैं। झारखंड सरकार द्वारा तोलोंग सिकि में परीक्षा लिखने की अनुमति मिलने के बाद से ही यहां कुड़ुख़ की पढ़ाई तोलोंग सिकि में आरंभ हुई है। रिपोर्टर - भुवनेश्वर उरांव।

सरना धर्मकोड पर केंद्र और राज्‍य दोनों आदिवासियों को धोखा रहे हैं : सालखन मुर्मू

- अब वक्‍त आ गया है कि राज्‍य की हेमन्‍त सरकार आदिवासी हित में आगे आये और केंद्र सरकार समय रहते देश भर के 15 करोड़ आदिवासियों की भावना को ध्‍यान में रखते हुए आदिवासी संगठनों से धर्म कोड पर वार्ता शुरू करे वरना.. 
- 31 जनवरी 2021 को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम होगा जोरदार

उपेक्षित आदिवासी भाषाएं : 58 साल की शांति खलखो के संघर्ष की कहानी

27 साल पहले NET, JRF की पात्रता पानेवाली डॉ शांति खलखो के संघर्ष की कहानी, खुद उनकी जुबानी। रांची के जनजातीय भाषा विभाग में 12 साल तक बतौर प्रोफेसर पढ़ाती रही, लेकिन कभी बदले में उन्‍हें एक पैसा मेहनताना नहीं मिला। अब, एक बार फिर 18 जनवरी 2021 को 58 साल की उम्र में डॉ श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी विश्‍वविद्यालय में नौकरी के लिए इंटरव्‍यू दिया डॉ शांति खलखो ने।.... Fact Fold (https://youtube.com/FactFold) चैनल के पत्रकार किसलय को अपनी पूरी कहानी बता रही हैं डॉ शांति खलखो..

सरना धर्म कोड के लिए रैली कोलकाता में

सरना धर्मगुरू बंधन तिग्‍गा का आव्‍हान् : पश्चिम बंगाल: सरना धर्म कोड की मांग करते हुए कोलकाता के नेताजी स्‍टेडियम में आदिवासी समाज की बड़ी रैली का आयोजन 03 जनवरी 2021 को किया गया। इस अवसर पर सरना धर्मगुरू बंधन तिग्गा ने मांग की कि प. बंगाल की राज्‍य सरकार सरना धर्म कोड सदन से पारित कर केन्द्र सरकार को अपनी अनुसंशा भेजे। इस अवसर पर हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे।